जब सामने हो तुम.
मै और किसे चाहूं?
जब सामने हो तुम.
तुमसे ही मेरी दुनिया,
तुम्ही से जिंदगी है.
तुम्ही हो सब में दिखते,
सब तेरी ही बंदगी है.
अब और किसे सराहूँ?
जब सामने हो तुम.
मै और किसे चाहूँ?
जब सामने हो तुम.
यह रिश्ता है हमारा,
मन का विश्वास का,
प्यार के एहसास का,
जीवन के आशा का.
और किस से मैं निबाहूँ?
जब सामने हो तुम.
मैं और किसे चाहूँ?
जब सामने हो तुम.
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